मा सूं

दो रिपीया लेय’र

गतै रे डब्बै मांय

दुकान खोली म्हैं

परचूण री।

तावड़ो चढ़ग्यो

अर

छियां ढ़ळगी

पण

गाहक नीं आयो।

सेवट

मेरी बूहणी होयगी

पण

बण कैयो कै

‘थू तो मूंघो भोत है’

स्रोत
  • पोथी : साहित्य बीकानेर ,
  • सिरजक : कुमार श्याम ,
  • संपादक : देवीलाल महिया ,
  • प्रकाशक : महाप्राण प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम
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