काच रै 'पेपरवेट' में बंद

किणी रंग-पुसप री भांत

अेक पारदरसी कैद में

वाट उडीकती जिंदगानी

के अेक दिन आवेला

जद किणी रं हाथां

अजांण-अचांणचूक पितळ'र

अथवा

किणी उथलधड़े में

आय पहुंला जमीं माथै

अर मुगत व्है जाऊंला।

पण बात

फगत आपरे अेकलपणे नै

टाळण सारू

भरम नै

साथै राखण री है।

भरमणा व्हो भलांई

कैद में कोई

बात रौ साथ तो मिळियो।

इण दसा में

होणी रै विधान नै नकारणो

अंतस रै विद्रोह नै सिकारणौ है।

स्रोत
  • पोथी : झळ ,
  • सिरजक : पारस अरोड़ा ,
  • प्रकाशक : जुगत प्रकासण, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण