धपटवां हुई फसल

उबर्‌या हा

कीं पईसा

धर गुल्लक में

बूर ही दिया हा

धरती में

इणी सूं

करना हा

हाथ पीळा

बीं साल

बाई रा

बै तो निकळया है

काळीबंगा री खुदाई में

थेड़ री कूख सूं

बाई कद परणाई!

स्रोत
  • पोथी : आंख भर चितराम ,
  • सिरजक : ओम पुरोहित ‘काग ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण