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साइट: परिचय
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अंजस सोशल मीडिया
थारै बिन
सन्तोष मायामोहन
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बावड़ी
म्हूं
थां
बरस्यां
भरूं
हरूं
म्हारी
तिरस।
जळ
री
हूं
निज
ही
आगार
तो
ई
हूं
थारै
बिन
निरजळी!
स्रोत
पोथी
: मंडाण
,
सिरजक
: सन्तोष मायामोहन
,
संपादक
: नीरज दइया
,
प्रकाशक
: राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी
,
संस्करण
: Prtham