म्हारै अन्तर-घट

रोपो राड़

थे अणु अर परमाणु

बण परा

अर हो जावौ हौ

अेकोकार

थारै इण या उण रूप में।

प्रगटौ फेर

बण दोयम सूं एक

थां सूं सीखै कोई

खिल खेलणौ।

स्रोत
  • पोथी : जातरा अर पड़ाव ,
  • सिरजक : सन्तोष मायामोहन ,
  • संपादक : नंद भारद्वाज ,
  • प्रकाशक : साहित्य अकादेमी ,
  • संस्करण : प्रथम