मिनख जूण कितरी अणमोल, ठा नीं सा!
मनुआ! ओ मनड़ो बेमोल, ठा नीं सा!
थूं अर थांरो अणुमन भोमामन रो परचो
महिमा है थांरी अणमोल, ठा नीं सा!
सिरीगुरु चरण समरपण सरग है सागी
ओजूं कींकर टाळमटोळ, ठा नीं सा!
मून तो सैनाण है आतम बिकास रो
बिरथा ही बजावै ढोल, ठा नीं सा!
मानखै नै बिलमावै माया रो चिलको
जियां ध्यानी डांवाडोल, ठा नीं सा!
सोचै नीं बोलै, जको बोलै नीं करै
खोलै श्याम उणां री पोल, ठा नीं सा!