धंवर है

ठण्ड है

फेर भी

सुधियां ही

भाज्या बगै

घणा लोग

के अमीर के गरीब

अैलो नीं जाण द्यै

जिया-जूण

सूरजी महाराज रै

थोड़ै सै उजाळै नै भी

स्रोत
  • पोथी : जागती जोत ,
  • सिरजक : निशांत ,
  • संपादक : डॉ. भगवतीलाल व्यास ,
  • प्रकाशक : राजस्थान साहित्य एवं संस्कृति अकादमी, बीकानेर
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