चांद मांय बैठी

डोकरी

कातै है चरखो

सुळझावै है

उळझी ऊन रा

चूंखा

फेर कातै है

ऊन

ऊन सूं बणावै है

पै'राण

जुगां-जुगां सूं

बा बिंया कातै

ऊन अर सूत

बींरै चरखै साथै

भाजतो बगै है

ईं स्रिस्टी रो चक्को।

स्रोत
  • पोथी : कवि रै हाथां चुणियोड़ी ,
  • सिरजक : पूनमचंद गोदारा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी