सूरज री भोर

थारी ओळयूं आई

म्हानै

खेत में...

देखूं

बाजरी रा सिट्टा री बूर नै

निरखूं

थारै चैरे नै

बूर ज्यूं

भोर में...।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (दूजो सप्तक) ,
  • सिरजक : गौरीशंकर ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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