चांदी री किरत्या चमकैली
सोनै रो सूरज ऊगैलौ
आ धरती कुम्भीपाक बणी
राखसजूणी री घात अठै
है तपै तावडा जुल्मा रा
सपना री ठंडी रात कठै
उण महला पर जमराज खड्या
भुज-दण्ड लिया व्यापारा रा
आंसू री बैतरणी बैवै
है खेत बिछ्यांअंगारा रा
पीढी-पीढी पथ पार कियो
काटा, सापा सूं लड्या घणा
पण बडी दूर सूं चाल्योड़ो
अब मिनख सुरग में पूगैलो
चांदी री किरत्या चमकैली
सोनै रो सूरज ऊगैलो
मत करो गरब ऊचपण रो
ओ गरव-हिमाळो गळ ज्यासी
मत बणो समुदर सेखी रा
सै बडवानळ में जळ ज्यासी
मत उडो लोभ री पाख्या पर
गिगनार तळै में झुक ज्यासी
मत हंसो, हंसी उण दिन होसी
जद चलती चक्की रूक ज्यासी
धोखा-धडी, मतलब-फरेब
छळ-कपट-पोल री गांठ खुली
अब बडी दूर सूं चाल्योडो
ओ मिनख जुलम सूं जूझैलो
चांदी री किरत्या चमकली
सोन रो सूरज ऊगैलो
जिन पिया खून इण माटी रो
ब माटी में मिल जावला
जिण लूटो धरती माता नै
बै धरती में धस जावैला
सोनै-चादी सूं न्हायोडा
दूधा-पूता सूं धायोडा
कद तक अन्याय मचावैला
अब इसो बायरो बाज है
जिण कोट बणाया मुरदा पर
उण नै मुरदा खा जावैला
झखाड वणा दो जीवण नै
या लाय लगा दो बाडी में
पण बडी दूर सूं चाल्योडो
अब मिनख फूल न सूघैलो
चादी री किरत्या चमकली
सोनै रो सूरज ऊगैलो।