सिरजण नै

नकारियौ जा सकै

उण री अणदेखी की जा सकै

उण नै बिसरायौ जा सकै पण

मिटायौ नीं जा सकै

स्रोत
  • पोथी : अेक दीवौ अंधारा रै खिलाफ ,
  • सिरजक : श्यामसुंदर भारती ,
  • प्रकाशक : मरूवीणा प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम