थूं कैयो

म्हैं थारै साथै हूं

अर म्हैं कर लियो भरोसो।

पण म्हनैं कांई ठाह हो उण बगत

ठगी रै सब सूं लूठे घोसणा-पत्र माथै

दसखत कर रैयो हूं।

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : नंदकिशोर सोमानी ‘स्नेह' ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham
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