आंधी पीसै कुत्ता खावै।
थारै घर सूं कांईं जावै।
क्यूं आं साथै माथो मारै।
क्यूं बिरथा जी नै कळपावै।
तू दीयाळी रा गाए जा।
जे अै स्सै होळी रा गावै।
थारै तन पर अेक न तागो।
आं सगळां नै भावै बागो।
सूळी ऊपर से’ज सजालै।
नींद जिको कीं आधी आवै।