म्हैं लड़णो चाऊं
लुटेरां, भू-माफियां
काम चोरां अर
नजायज करणियां सूं!
लड़ण सारू म्हनै नीं चाईजै
बंदूक, तलवार,
म्हनै चाइजै
साथी!
पण साथी मिलणा
घणां दो’रा...
घणकरै सै लोगां रो रगत
होर्यो है पाणी
कड़ हुयगी है गायब।
मेरो साथ देवणों तो दूर
जकां नै मेरो भीरी बणणो हो
बै बणग्या है
मेरै दुस्मण रा भीरी।
थोड़ै-भौत लालच खातर
मार राख्यो है जमीर।
इस्यै मांय म्हैं जे तै’स में
आस्यूं तो के
आत्मघात ई कर स्यूं?