आई सांवणियां री तीज!
हंसै है धरती रौ सोहाग
ओढ़ियां रंग बिरंगी छींट
नवेली बाजरियां नै छेड़
लुकै है टाळ पवनियौ मीट
छोटा मोटा आज धरा रा हंसै अलेखां बीज
आई सांवणियां री तीज!
दौड़ती नदियां समदर जाय
आभौ धरती नै झुक आय
फल री पांखड़ियां राख्या
भोळा भंवरां नै भरमाय।
आज मिळण री बाट मोकळा मिळग्यां मोद भरीज
आई सांवणियां री तीज!
हिंडौळै हींडै जोबन आज
पळकै चूंदड़ियां रा तार
लुळकती डाळां में गम जाय
झणकती पायल री झणकार।
लाड कोड में हियौ अचपळौ आज गयौ है धीज
आई सांवणियां री तीज।
वौ सागेई सूरज आज
सागै घर धरती परवार
सागै जीवण रा पळ आज
सागै सुख दुख रौ संसार
जगत जीवणो जोड़ मोड़ आ मिनखां री तजबीज
आई सांवणियां री तीज!