डगमग करती तिरै

कागद री नावां

स्यांत पाणी में

हवळै-हवळै।

सनमन अर हेत

बगै मधरा-मधरा

फगत रंग्या-पुत्या

चै’रां माथै

हियै बायरा।

लै’रां री फटकार सूं

आंतरै

समदर जैड़ी ऊंडाई सूं

आंतरै।

कद आयज्या

बायरै रौ फटकारौ

कद आयज्या भूचाळ

खिंडज्या-डूबज्या नावां

उड़ज्या-धुपज्या रंग।

स्रोत
  • पोथी : थार सप्तक (तीजो सप्तक) ,
  • सिरजक : राजेन्द्र शर्मा 'मुसाफिर' ,
  • संपादक : ओम पुरोहित ‘कागद’ ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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