पोवणी कै हांसबा को
सगुन
इर हिचकी पै
गिलास भर पाणी गटकती
बिनणी
दन उग्यां सूं
दिनत्यां तांई सुणै छै
सासरां रा कड़वा कसैला
बोल।
जे दूजा रा धन
डायजा मांय
टटोळै छै
आपणी सोभा रा चितराम
तोलै छै
बेटी का बाप को
जुगां सूं छोटो हो बा ई।
अस्यां मायं
अेक दिन
निगळज्यां छै
घर का चांदा
पछींत पैं
मंडी मोरडी
हीरा रो हार।