सबद

करै छै

जातरा

चालै छै

पगां-पगां,

मूंडा सूं

खड़्यां पाछै

भलाई फरता फरै

ब्रह्म हो'र

पण

आखिर में

अेक दिन तो

पूग जावै छै

वां तांई

ज्यांक लेख

बचार्या छा

बखाण्या छा

अर

ऊं दिन ही

करलै छै

पूरी जातरा!

स्रोत
  • पोथी : मंडाण ,
  • सिरजक : राजेन्द्र गौड़ 'धूळेट' ,
  • संपादक : नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी भाषा, साहित्य एवं संस्कृति अकादमी ,
  • संस्करण : Prtham