सूरज जिसा सादा
जिका आभै में चमकै।
आछो हुवतो
जे हरेक मिनख रो
जीवणो हाथ घट जावतो,
आछो हुवतो
जे हरेक माता रो
मोभी पूत मर जावतो
इण नैं सुगन सूं
इसै भयानक समंचारां नैं!
आछो हुवतो जे
सगळा गीत अेकदम थम जावता,
अर बांनैं गावणियो फेर कदे ई
नईं हुवतो।
आछो हुवतो जे प्लेग आवतो
इण खबर नांय सूं कै
महान लेनिन री मोत हुई!
नईं आ साच नईं हुय सकै
ओ तो अेक नुंवो चाळो है
कूड़ा जागीरदारां अर मुल्लावां रो।
म्हारो लेनिन
मर नईं सकै।
कईं बो आ विचार सकै
कै बो सीख करै अर छोडै
आपरा लोगां नैं अेकला?
नईं, लेनिन जीवै है,
अर, अणगिणत बार
बो जीवै!
अर जे कदास
आ साच हुवै
कै बां बींनै सुवाण दियो हुवै
भाठां रै मकबरै में,
अठै सूं ई, तो ई,
म्हे सुण सकां
साफ साफ
बा धड़कण
बींरै महान हिवड़ै री।
म्हे मिलास्यां
म्हांरा मजूरां रा हाथां नैं
म्हे मिलास्यां
म्हांरा अेवाळियां रा हाथां नैं
अर म्हे ले जास्यां
अमर लेनिन नैं
बीं ठोड़
अण तै च्यानणै आळी...