रेत

प्रेम करणो जाणै

जणै ईज तो

कदैई

डील पर आपरो

इधकार नीं जमावै

पून रै

हळकै-सीक झौंकै सूं

छांछळीज’र

चिप ज्यावै जील सूं

अर उतर भी जावै

हळको-सीक रुखास होवतां

पण नीं जाणै

हळको-सीक रुखास होवतां

पण नीं जाणै

कींकर उतर जावै

इत्ती ऊंडी अर

काळजियै रै

धोरां पर

बणाय देवै

आपरा पक्का खोज

जका बणै

अैनांण

आवण वाळी पीढियां नैं

प्रेम समझावण रा।

स्रोत
  • पोथी : अैनांण ,
  • सिरजक : आशीष पुरोहित ,
  • प्रकाशक : गायत्री प्रकाशन
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