रेत
खाली नी है मिट्टी, रेत
नांव है
अेक अेक कण रे
मिळियौड़े कांधा रौ
पड़ाव है लसकर रौ
मांयली बळत
अर
ताप रौ बिगसाव है
इण रौ उफाण
इण री रीस रौ
हरावळ है
इण रौ च्यारुंमेर उठाव
रेत
नांव है
फैल्योड़ी आस्था रौ
दीठ रौ!
जद जद ई उठै
खम खा 'र
कर दैवे
सरोबार।
रेत नाँव है
अेक अेक कण रै
मिळियौड़े कांधा रौ