राजस्थानी रेत में रसियौ डोलै।
रेत है रतनाळी अे बसियौ बोलै॥
आन-बान री जोत जगाता
नापै है दुनियां।
हर्था धोळा रंग रमाता
बांधै केसरियां।
चाल चालै मतवाळी अे मन मोलै।
रेत है रतनाळी अे बसियौ बोलै॥
गूंजो बाजै, नोबत बाजै
बाजै मंजीरा।
बड़ी-बाई, छोटी-बाई
बोलै है बीरा।
बोली बड़ी सुखकारी अे रस घोलै।
रेत है रतनाळी अे बसियौ बोलै॥
गाती घूमै गीत गूजरी
रेत रमावै अे।
सांसां री अलगोजां लियां
अलख जगावै अे।
सांस है जो चिरताळी अे हंस बोलै।
रेत है रतनाळी अे लसियौ बोलै॥
तीजां-गौरयां, रामदेवजी
तेजाजी वीरा।
राणी-धाम, पन्ना’र पद्मणि
हाडा अ’र मीरा।
अ जोत धरम की बाली अे सब बोलै।
रेत है रतनाळी अे बसियौ बोलै॥