सरासर गळती आपणीं

कै लोग ढूंढे खोट

गळती आपणीं

के लोग बणावै बातां

जद देखै हेत

आपणै नैणां में।

गळती है आपणी

कै एक-दूजै नै

देख-देख’र जीवां

तो है

असली गळती आपणी

कै मिलग्या

मन सूं मन

अर देख लिया

साथै रा सुपनां।

स्रोत
  • पोथी : चौथो थार-सप्तक ,
  • सिरजक : सिया चौधरी ,
  • संपादक : ओम पुरोहित 'कागद' ,
  • प्रकाशक : बोधि प्रकाशन
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