भाई मारा!
तमे.....जे
मंदरं मएं घण्टा कूटी कूटी नै
नै मस्जिदं माते सड़ी नै
आणा जग ने गांडू करी रया हो
अल्ला-ईश्वर ने नाम नी
जे ओंसां-औंसी भेंते सणी रया हों —
आणं मानवीयं ने कारजं मएं
जेणे थकी खार ने वैर सिवाय
हूँ ऊपजवानू बीजू
तमने कउं, के
वे तमारे कने कंइक करा
ते सणी दो एटली ओंसी भेंते
ने वांटी लो आणां अंगास ने
केम के इते मंदरं माते ए है ने मसीतं माते ए है।
वांटी लो आणा वाएरा ने
जे मंदर में नेरी ने मसीत में, नै —
इंये थको पासो मंदर में भराए
बना रोक टोक नो!
बदली दो एणां लुई नै
जे तमारे बे नै नसं मे फरै
केम के —बे नी रंगत हरकी हरते रई सके?
डाडी नू लीलू ने सोंटी नू रातू
करी दो एने करी सको ते
एटला थकी भी नै धापो तो
करी दो जुदा : अल्ला अनै ईश्वर नै
जे बेटा हैं भेगा....तमारे ऊपर अंगास में
ने ते....अजी वेश है
मानी जो मारी वात
कपाड़ी नाको आ डाड़ी अनै सोटी
देको पसे रई जोगा तमे —
आदमी....बस....एक आदमी....
फेर....नैं ते वाएरो वांटवो पडहै
नैं अंगास
केम के झगड़ा नु मूर'स्
हुकाई जावानू...
बस!...भाई मारा...
हमजी सको तो
आ वात!