ईं

धरती में

धन तौ घणौ

पण

पाणी रौ तौड़ौ है,

जणी सूं अठै

गरीबी अर अमीरी रौ

जुग-जुग सूं जोड़ौ है।

स्रोत
  • पोथी : मोती-मणिया ,
  • सिरजक : केसव ‘पथिक’ ,
  • संपादक : कृष्ण बिहारी सहल ,
  • प्रकाशक : चिन्मय प्रकाशन
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