थे कैवो—

म्हांनै नाजोगा-नाकारा

किणी काम रा कोनी

पण म्हे, बकारो जद

हां जिसा, हाजर हां...

दूसरा कठै सूं आसी?

कठै सूं लास्यो..?

जे लेय’र आय जासो तो

धोयां धुपै कोनी—

है जिका रिस्ता...!

स्रोत
  • पोथी : पाछो कुण आसी ,
  • सिरजक : डॉ.नीरज दइया ,
  • प्रकाशक : सर्जना प्रकाशन, बीकानेर ,
  • संस्करण : प्रथम संस्करण
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