नाम रो व्है

कै वना नाम रो

लोही रो व्है कै प्रेम रो

बेमोल अजब अणूठौ होवै है

हर रिस्तौ।

कांई जरूरी नी व्है

दोई पखा री

बरोबर भागीदारी

कोई एक पण निभावतो रेवै

वगर तोक्या ओळंबा री गांठड़ी

उमर भर निभ जावै हर रिस्तौ।

स्रोत
  • सिरजक : अनुश्री राठौड़ ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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