चालौ चालां
जठै अेकांत अपांरौ व्है
वगत अपांरौ व्है
अंतरिख अपांरौ व्है
उडां मनचींत्या विराट सून्य में।
आंतरै ई आंतरै,
इण धरती
इण आभै सूं आंतरै।
काया सूं आंतरै
माया सूं आंतरै।