नित परभातै नारा जोड़ौ,
दिन भर वांरी पूंछ मरोड़ौ,
खूब करौ काम।
धानां रा ढिगला रा ढिगला,
म्हे ही निपजावां,
सिळगां बाळ’र चाम।
पिण भूखा टाबरिया म्हारां,
घाबलिया फाटा करसां रा,
बाजां मूंड निलाम।
करजै सूं हा थाका काठा,
बांधां रोज पेट पर पाटा,
नहीं पास में दाम।
नहीं करै मेनत मजूरी,
सुख सम्पत उण रै घर पूरी,
मोटा वांरा धाम।
म्हांसूं तो ढांढा ही आछा,
धंधो कर जद आवै पाछा,
करै खूब आराम॥