पूरखा देख्या है,

नदी रो बहाव,

हवा री उडान,

बभूल्या री चाल,

बादल री बरसाव,

म्हाने याद आवै,

जाडा रो अंधियारो,

जेठ री दुपहरी,

सावण री रपटणी,

गाँव रो ऐकलो रास्तो,

बालिका री,

हिम्मत को साथी,

जद वा बहता हुओ,

चलतो रहवे,

सर्दी,

गर्मी

बरसात,

तो राह मांय खड़ो रखवालो।

स्रोत
  • सिरजक : छोटूराम मीणा ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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