या माटी राजस्थानी है या माटी राजस्थानी है
एनी कूंख थकी जनमी मीरा पदमण सरखी महाराणी है
या माटी राजस्थानी है...
अमें वणी धरा ना वासी हं ज्यं लुई ऊं लोग रमें होळी
ज्यं एक लागता लाकड़ा ऊं मारी नाह्के छोरी
ज्यं राणा ने केवा माथे मीरा ज्हेर नो प्यालो पी जाये
हाड़ी माथू वाढ़ी नाह्के इतिहास मअें जीवी जाये
पन्ना बेटो खांपी नोह्के आंखे ने आणे पाणी है॥
या माटी राजस्थानी है...
ज्यं सत् नी रक्सा स्हारू राणो वन वगड़े रखड्या किधा
व्यं भामाशा सरखा दानी धन दौलत ना ढ़िगला किधा
ज्यं देस स्हारू आदिवासी हरीया धूणी हाथें लिधा
जेहरीलं हरीयं ऊ रण मअें वैरी ने सुवड़ावी दिधा
हळदी घाटी नो कण कण भी संभरावे आजे काह्णी है॥
या माटी राजस्थानी है..
क्यं केर सांगरी भावे है कोई तर माल उड़ावे है
क्यं काचर बोर मतिरा जोई जीव घणो ललचावे है
मरुधर में रेतड़ली चमके ने लूए वाजें भारी है
काळी बादलड़ी आंगासे मेह बाबा नीं तैयारी है
करसाण जोबें है बाट आज कारे बरसेगा पाणी है
या माटी राजस्थानी है...
क्यूं उड भसरका भालं ना खेतर मअें अलगोजा वाजें
क्यं जीमण वार ना ठाठ उड़े गीतं भी आंगासे गाज
क्यं मली कुंवारी छोरी सब गणगोर पूजवा जावे है
क्यं सांग हाथ मअें लई गेर्या होली ना रसीया गावें है
क्यं मेळा मअें आवा स्हारू आपस मअें खेंचाताणी है॥
या माटी राजस्थानी है...
चित्तौड़ किला नो विजय थम्भ आभं मअें वात करे जाणे
आबू मंगरा नीं सोभा देखी हैय मारे हलकारो
यं नानं मोटं स्हेर घणं गाम नीं वाते है न्यारी
यं पकवानं ने बदले छाछ राबड़ी लागे है प्यारी
कांदो मरचू रोटी व्हाली यं खयं मक्की नीं धाणी है॥
या माटी राजस्थानी है...