दिखै च्यारां कानी लाय लगावणा,
भाई रो भाई हुवै खावणों।
काळिया नाग बण'र डंक लगावणा,
रह्यो कोनी अबै मिनखपणों॥
सगळा मिनख करै है खेंचातांणी,
व्हैग्यो रै अबै आंख्यां रो पांणी।
आ बातड़ी आछी तरै सूं जाणी॥
कोनी जाणैं प्रीत रीत निभावणी,
मतळब री चावै है डोर बांधणी।
म्हारी सुणले अबै बातड़ी॥
बेटो पटकै मां बाप माथै जोर,
भाया हुयो कळजुग में ओ के सोर।
भाया किंया हुवैली चमकती भोर॥
कठै गई कांण कायदै री बातां,
आंख्यां आगै आयगी अबै रातां।
अब चोखी बातां रै मारै लातां॥
सासू-सुसरै नैं तानां सुणावै,
बेटा ई मां-बाप नैं दोस देवै।
कळजुग आंख्यां खोल आ बात कैवै॥
गरीब नैं रोटी नीं सेकण देवै,
मजदूरां री कमाई लूट लेवै।
भाया लूंठा है अगरबत्ती खेवै॥