पुरुष ज्यूं है पेटरोल, अळगैसू पकड़ै आग,

सूतौ सिंग है केसरी, झपटै बैगौ जाग।

ओयल डीजल रा मेळ सूं, मौकळी चलै मसीनौ,

आळस अलगौ मेळनै, पौण देवौ पसीनौ।

सियारै सियारै सिळगनै, मिक्स वैजावौ मिनखौ,

पेटरोल सूं परै रैजो नितर नाम नी रै छिनकौ।

टैम देखनै बिणजै नी वौ, बाणियौ बाजै गिवार,

सांप सिरक नै गयौ परौ, लींगटी रैगी लार।

जवानी रा जोस में हंसळै नी रयो हौस,

अणूंथा वैगा अमलदार, अर पतळी व्हैगी पौस।

खरड़ौ भर भर खारौ पीवै, हथायौ सूं कीदौ हैत,

मुरदा किया मनवार सूं सब सैंण भायां समैत।

चाय अरोगै चाव सूं अर प्याला भर भर पांच,

गपौं गुड़ावै गोळ-गोळ, सेड़ै नी निकलै साँच।

हालत देखनै वगत हंसै, पण ठाकर देखे ठौड़,

बंधाणी बेयनै बैठेगा, अजै मेला नी हुया मौड़।

स्कूल सूं अळगा करै, पढियौ पेली परणाय,

काचा टींटा काचरां री लंबी लैण लगाय।

सगाई संबंध रै वैवतौ, कनेक्सन देवै काट,

साल सपूत नै सोळवौ पण आगी कक्षा आठ।

डबल लैस म्हैं डायजौ, अर सोनौ तौळा तीस,

सौदौ कौनी सीर पड़े संबंध पीढ़ी पैंतीस।

मौके मौसर ब्याव रै, कर लैणौ रौदै लापी,

ऊंमर अणूंता आपळै, अर बैटा घमावै बापी।

सियारै सियारै सिळगाय नै, कैस करावै कावळ,

उड परा नै आगा पड़ै, ज्यूं बाड़ साथै बावळ।

करड़ाई रै कारणै, नसल बिगड़गी न्यारी।

सोरौ वैयगौ सैंग में, क्यारी सूं पीगी क्यारी।

लाखौ गाड़ा लायकी, मिनखां सूं राखौ मेळ,

न्यारा वैनै नावौ मती, सैंग सीरकौ भैळ।

हैत हळाहळ छोड़दौ, भैर चिलम नै साफी।

अवगुण केवतौ आपसूं, अमरु मांगै माफी।

स्रोत
  • पोथी : इन्दर नै ओळभौ ,
  • सिरजक : अमर सिंह राजपुरोहित ,
  • प्रकाशक : रुचिर प्रकाशन
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