आधी रोटी
कद तांई खावैला!
थारो हक
क्यूं हमेस
दूजो लियां जावैला!!
घणो सैयो
अब कीं कर
उठ मजूर
हक माथै हल्लो बोल...
थारी मैणत रो
पूरो लै मोल!