गाभा, रंग अर
रैवण रै तरीकै मांय
उन्नीस-बीस रै फरक नैं छोड़’र
कीं फरक नीं है
आपड़ली छोर्यां
अर आं मांय।
अै छोर्यां ई आंख खोलै
तो सुपना देखै
धोळै घोड़ै रा
राजकुमार रा
फूटरै घर रा
आछै जीवण अर
मान-गरिमा रा।
सगळा सुपना
आपड़ली
हुंस्यार बायां जिस्या
पण बेगी ईज
आली आंख्यां मांय
मार’र सुपना
अै मुळकै।
आं री मुळक कूड़ी है
क्यूंकै
हियै सूं नीं
आंतां सूं उपजै।
अै ‘रेडलाइट एरिया’ री
रुणक है जठै
सिंझ्या हुवतै ईज
खूंटियां माथै टंगज्यै
भांत-भतीला
कोट-पेंट, धोती-कुरता
कलफी गाभा
अर टोपियां।
अठै
मिनटां रै हिसाब सूं
फेंकै लोग पइसा
अर उगलै जिस्मानी जै’र
अर अै छोर्यां
हर जिस्मानी थूक रै साथै
मांयनै रै ज्वालामुखी रो
उगळै लावो।
दिन मांय
घणकरी रोवै
पण
बिन बाप रै
नांव आळै टाबर साथै
कुण बड़ण द्यै।
आं पर आंगळी उठा’र
भासण देवणो
अर भूंडो
बोलणो सोरो है
पण आं रै
मटमैलां परदां रै
लारै
रोज जीवणों अर मरणों
हांसी री बात नीं है।
अै आपड़ली
छोर्यां दांई
दीखण वाळी
इब
जींवती लासां है
आं रो
डील
जिस्मानी थूक रो
उगाळदान है।
लीलो जै’र
पींवती
अै छोर्यां
कुण जाणै
किण घरां री
राजकुमारियां है।
अै छोर्यां
मिनखपणै पर
अेक
अणसुळझ्योड़ो
सुवाल है
देवदासियां सूं
लेय’र
कालगरल
का वेस्यां तांई।