म्हारै गांव वाळो
गोपियो
सरसूं इयां बाढै, जियां
मंजेड़ो कविसरो
करै रचाव
छंदबद्ध कविता रो
पांथ रै मिस
जीयाजूण सारू।
स्रोत
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पोथी : ऊरमा रा अैनांण
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सिरजक : अशोक परिहार ‘उदय’
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संपादक : हरीश बी. शर्मा
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प्रकाशक : साहित्य अकादेमी, नई दिल्ली
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- संस्करण : प्रथम