जीवा-जूण रा

अड़बी आंटीला कांटीला

अबखा लाम्बा

अंधारा मारग

अेकला कियां कटता

जे नीं होतौ

प्रीत रौ सांगौ।

स्रोत
  • पोथी : अेक दीवौ अंधारा रै खिलाफ ,
  • सिरजक : श्यामसुंदर भारती ,
  • प्रकाशक : मरूवीणा प्रकाशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम