प्रीत-

हिवडै़ रो खालीपण

जुदाई में तो

खाली खाली

मिलण में

खाली-खाली

प्रीत-

उण भूख रौ नांव

जकी बिन जिम्यां तो

मिटै क्यां री

जीम्यां ईं नीं मिटै

प्रीत-

उण तिरस रौ नांव

जकी पींवता-पींवता ईं

लागती रैवै

प्रीत-

उण चेतना रौ नांव

जकी दिन-रात

जागती रैवै

प्रीत-

एक मीठी पीड़

जिण री औखद कोनी

प्रीत-

एक मीठो पैंडौ

जिण री मंजिल कोनी

प्रीत-

एक मीठो जुद्ध

जिण में

हार कोनी

जीत कोनी

प्रीत-

एक इसो रिस्तो

जिण में दुसमण कोनी

मीत कोनी

प्रीत-हुळस

प्रीत-हांसी

प्रीत-आंसू

प्रीत-इसो घाव

जिण सूं सगळै रसां रो रिसाव

प्रीत-मां

प्रीत-बाप

प्रीत-प्रेमी री गाल पर/प्रेमिका रो थाप

प्रीत रै पांव

प्रीत-पागंळी

प्रीत-बूढ़ै री लाठी

टाबर री आंगळी

प्रीत-बिस्वास रो मरम

प्रीत-गधै रै मूत में

छाछ रौ भरम

प्रीत-दफ्तर री रीत,

अफसर री आंख,

चमचै री पांख,

कलर्क रा दांत,

दरबान री आंत

प्रीत-कचैड़ी में

ऊंघतै किरसे री उबासी

प्रीत-तिलाक री मेज पर

बच्चै री उदासी

प्रीत-जज रो फेसलो ,

प्रार्थी री उडीक

प्रीत-सांच रै काळजै उठती डीक।

स्रोत
  • पोथी : आ बैठ बात करां ,
  • सिरजक : रामस्वरूप किसान
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