आखी रात दिवळौ जगै

मधरौ-मधरौ

प्रीत में उमाया परवाणा

बीं पर जान री निछरावळां करै

बाती रौ हियौ पानां ज्यूं धूजै

काळजौ बत्तौ बळै

अर जद परवाणा

बाती रै पगां में बिछै

बाती ही बळ-बुझै

आत्मा रौ प्रेम

प्रेम री पीड़

फगत इण इज धरती पर है

जठै आपां फगत

प्रीत री भूमिकावां

बांधता रैवां

अर बां में इज

बंधता रैवां

स्रोत
  • पोथी : आंगणै सूं आभौ ,
  • सिरजक : नीलिमा राठौड़ ,
  • संपादक : शारदा कृष्ण ,
  • प्रकाशक : उषा पब्लिशिंग हाउस ,
  • संस्करण : प्रथम
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