प्रीत बिना क्यारी जिनगानी
अैळी जावै उमर जुवानी।
होठ फरूकै बोल न पावै
मन री मन में ई रह जावै
गीत बिना क्यांरी जिनगानी
जीवै गुपचुप छानी-मानी
प्रीत बिना क्यारी जिनगानी
मन री चीत बतावै किणनै
तन रौ बींत बिंतावै किणनै
मीत बिना क्यारी जिनगानी
मरम कियां जाणै नादानी
प्रीत बिना क्यारी जिनगानी
जूण-जुध है इबछळ यारौ
जग रौ तौ ऊधौ ई धारौ
जीत बिना क्यारी जिनगानी
हारयां कुण करै मिजमानी
प्रीत बिना क्यारी जिनगानी