म्हारा मीत
महलां रै झरोखै सूं
जको च्यानणो आवै है
बीं च्यानणै मा मनै
म्हारै रगत पसेव री
गन्ध आवै है
म्हारलै रगत पसेव माथै
पळणियां
मोटोड़ा महलां मांही
रैहवणियां
सांप रै चरित्र नै
सागै लेर’जीवणियां
अै मिनख
म्हां पर
जै’रं री फुंकारां
नांखता रैवै हैं
अर म्हैं
बुत बणियोड़ा रैवां हां
छेकड़ कदताईं
बुत बणियोड़ा रैहस्यां
झुग्गियां मांही भेळी है
म्हारली पीड़
आंगण रै बिरछ माथै
बैठी चिड़कली
बीं भूख रै खातर
चीं चीं कररी है
राधिका रो दूध
बीं बख्त नै सुखा दियो है
और पूरो शहर
रोगलो होण लाग्यो है
फेर भी म्हें चुप हां
थोड़ा सा अै मिनख
लारलै बख्त सूं
म्हारा हक खोसता रिया है
के उणां वास्तै
म्हें थोड़ा हां
म्हारा मीत
म्हारो एक होणो
म्हां मांई
सूरज पैदा करैलो
अर ओ सूरज
अन्धेरो पैदा करणियां नै
खुद ई पीयैलो
म्हें शुरुआत कर दी है
जुगां री पोथी बदलण री
ईं खातर म्हारा
ख्याल बोलण लागग्या है
म्हें त्यार हो चुक्यां हां
अन्धेरै रै खिलाफ
लड़ण खातर
ईं वख्त
प्रगतिशीलता रै सारै माथै
म्हारो एक होर
इन्कलाब छेड़ण रो
टेम आग्यो है
एको अर चेतो राखो
जै जुवानां जै किसानां
जै भारत मां री।