अेक पछै अेक
परा जावैला सब
पड़ी रैय जावैला
हळदी री गांठ!
अेक-अेक करनै
चढ़ जावैला सब
ऊभी रैय जावैला
इज्जत री लाट!
छूट जावैला तमाम
संगाती, पड़्यो रैय जावैला
लाव-लस्कर अर ठाठ...
लांघ जावौला
अेक-अेक करनै
जस रा डूंगर
रैय जावैला
पगां रा अहलांण..!
राम-राम करनै
कट तो जावैला मिनखांजूंण
रैय जावैला बाकी
मोटा-मोटा काम...
नींठ-नींठ करनै
सध तो जावैला सांसां रौ सूत
सध नीं सकैला
धरती रौ धीजौ!
आगत सूं के लागत सूं
नप तो जावैला
समंदर री पाळ
नप नीं सकैला
जीव रा जंजाळ...
फतै तो व्है जावैला
ज्यूं-त्यूं करनै दुनिया
रैय जावैला,
गरीब री हाय
पग नीचै री लाय!