भारत माँ रा तीन लाडला, देस पै हुईग्या क़ुरबान
भगतसिंह राजगुरु सुखदेव रो,हो अमिट बलिदान....
हो भगतसिंह सुरमो सांचो, आजादी रो आगीवाण
पैर केसरी चाल पड्यो बो,दुसमी रा लेवण नै प्राण
नैणा मांय आगी, हिवड़े मांय देस प्रेम हो भरयोडो
लेय तिरंगो बो हुंकारयो, जीवट माटी रो जायोड़ो
बम फेंक्यो असमबली माथे,कियो क्रांति रो आह्वाण...
राजगुरु हो अलबेलों आजादी रो ओ उजालों
दुसमी नै धूड चटाई ही ,बण देस रो रूखालो
सुआभिमान जगायो देस रो,चैतण धुणों करियो हो
पिराण लै लिया सांडर्स रा, अंगरेजा नै चेतयो हो
मायड़भौम सवाई रैवे, मांड्या लोई रा निसान....
मिटग्यो माटी रो मतवालों,जबरों जोध ओ जवान...
सुखदेव हिला दी चूला नै,घर दुसमी फूटयों हाको हो
लाला रो बदलो लिनो, लाहौर मांहि करयो धमाको हो
देस भगती रो झंडो थामयो, बीज बोयग्यो आजादीरो
करज चुकायो धरती रो, मोल बताग्यो दूध रो
हँसते हँसते फांसी चढ़ग्यो, मांडग्यो नूँवा निसाण...
जद जद दुसमी वार करेला,सूराँ थारी याद आवेला
इतिहास गावेला शौर्य गाथावंा, जण बळ भेळप होवेला
जद तांई जिन्दा भगत देस रा, वीरां रो रगत उबलेला
माँ भारती रो भाल ऊंचो, तिरंगे रो गरब लहरावेला
सदियाँ तांई कराँ गुणगान, अमर शहीदों रो बखाण.....