जद टाबर हुवै बडा

टाबरां सूं बडा हुय जावै

बूढा

पण बूढा

कदेई नीं मानै

टाबरां नै बडा

अर

अपणै आपनै बूढा

टाबरां रै

बाप नै

टाबर ईज मानै

कुण समझावै आंनै

टाबर हुवै है बडा

नीं रैवै हरमेस टाबर

घणो नीं सई,

कीं तो पतियारो राखै आं पर...।

स्रोत
  • सिरजक : नवनीत पाण्डे ,
  • प्रकाशक : कवि रै हाथां चुणियोड़ी
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