अेक-ई-पसवाड़ौ

पंपोळै हौ

म्हनै

मोड़ी ठा लागी

कै

जिंदागांणी रौ

उठीलौ पसवाड़ौ-ई

फूठरौ है!

स्रोत
  • पोथी : डीगरां-डीगरां ,
  • सिरजक : शंभुदान मेहड़ू ,
  • संपादक : धनंजया अमरावत ,
  • प्रकाशक : रॉयल पब्लिकेशन, जोधपुर ,
  • संस्करण : प्रथम