राम राम हूँ जमानो आवी ग्यो है
आणी मोगवारी ए तो केड़े तोड़ी नाकी हैं
अमारा जमाना में हलेती नँ बै पोतिये रूपिया में लेतो
बार मईना साँपी नै पेरतो
नै वएँ फरी'नै नै जोतो
आजे!
आजे मारो सोरो ही रुपियँ नुं एक पेन्ट लावे
नै सो मईन पुटे बे फेर हिवड़ावे
केम'के परेवो टपकतौ नती कमावा में
बाप नी कमाई है
पारके तेले उजवारू पेरवा में हूँ दोरू ?
पण मुँ एने कऊँ!
बेटा! लसमी ना काँई भरोसा नती
ई तो आवती जाती पामणी है
आजे आँएं नै काले परै
एनी मरजी आवे इयं फरै
आजे तो मारी आँके ऊगाडी हैं
काले हँसवाई गई तो तारू हूँ थाय
एनी सन्ता मने दाड़ौ नै रातर खाय
पण तू तो रोज आणे काने हामरे नै पेलै काड़ी दै
खरसो, पण कमाता हीकौ
नै तो जोई लेजे दशा पेला दीनानाथ नी,
शंबू पान वारा नी दूकानें आवे
नै एवो लजी जाय
जेम कुतरा नै देकी नै मेनकी
ई केम! तनैं खबर है
एटले के एणे वना माता नी पागड़ी बांदी
रोज उदारे नै उदारे पान खातो र्यो ।
नै राता तांबिया नो जवाब नै आल्यो
दोकान वारो केटलाक दाड़ा धीरे
मइनो, बेमईना, शार मईना, सो मईना
आखरे लीदू एनुँ फेरब्बु तो पड़ेस के।
एटलै तने कऊँ हूँ
सेतरं जाखी नै हेण्डजै
एक पोग माण्डी नै बीजो गाडजे
लोग तो कुकडँ नै दाणा नाँकी नै लड़ावै एवँ है
काले तमें एक न बे, बे न शार सौ
कमाओ नै तो हूँ खो?
नवी ऊसर न सोरँ, अन बना रैं पण अन्तर वना नै रैं
मारे हूं करवु है, आ है इ ये सब तमारुस है -
पण ध्यान राकजै खाते खाते डोंगरा खूटी जएँ
हमजदार होवे ई तो हाट ना हो करें
नै मैं हमजै एने हो ना हाट थएँ।
मारी हीकमण तने आकरी लागे तो भलै
मैं तारै वेसै पाँस पसी दीवारियै वदारै जोई हैं
घणी ठोकरे खादी हैं।
आ वात तू गाँटे करी ले
के देकादेकी नी भक्ति कारे नी करवी
तेल पेले भजियँ कारै नै काडवँ
नै वना माता नी पागडी कारै नी बांदवी
सेतरं अवेरी नै हेण्डवु नै पसेड़ी एटली होड़ करवी।