सूंडियै रा सींचारा बळदां नै वैगा हाकजै

पावणी है कोरवांण, पूरौ चेतौ राखजै-

बारौ भरियो आवै है

नीर निवायौ लावै है!

बायरै रा ठंडा झोला सांम्ही छाती झेलजै

पैलौ जोटौ आवै है, पांणतिया खोडौ घेरजै!

पूंन गैली कांई जांणै, मतवाळौ हूं

हेम जैड़ा हाड म्हारा, पांणतवाळौ हूं

झगड़े रौ कोड व्है तो हेमाळै नै मेलजै

पावणी है कोरवांण, पूरौ चेतौ राखजै!

धोरै- धोरै पांणी ढळै, बीज पीवै है

धरती नै सींचै जका लोग जीवै है

डाफर बाजै जाड़ौ है!

आधौ डील उघाड़ौ है!

मैणत रौ अखाड़ौ है!

बायरै रा ठंडाझोला सांम्ही छाती झेलजै!

पैलौ जोटो आवै है, पांणतिया खोडौ घेरजै!

हेम जैड़ा हाड म्हारा सीयाळै री रात

पाळौ जै पड़े तो कांई जीत म्हारै हाथ

झगड़ै रौ कोड व्है तो हेमाळै नै मेलजै

पावणी है कोरवांण, पूरौ चेतौ राखजै!

धोरै- धोरै पांणी ढळै, धरती सिंचीजै है

माटी बीज मांगै, भाई मांनखौ पतीजै है—

धोरै घीयौ दीनौ है!

बीजां पांणी पीनौ है!

रूप नवौ कर दीनौ है!

माटी मुजरौ लीनौ है, कांमेती हंसने बोलजै

पैलौ जोटौ आवै है, पांणतिया खोडौ घेरजै!

सूंडियै रा सींचा बळदा नै बैगा हाकजै

पांवणी है कोरवांण, पूरौ चेतौ राखजै!

नीर निवायौ बारौ आयौ, धोरा पाळी बांधजै

घणी भळांवण कांई देवूं हेलो म्हारौ सांमजै!

सांभळ्यौ भाई सांभळ्यौ, बळदां नै खाता हाकजै

पावणी है कोरवांण, पूरौ चेतौ राखजै!

बायरै रा ठंडा झोला, सांम्ही झेलजै!

पैला जोटौ आवै है, पांणक्या खोडौ घेरजै!

स्रोत
  • पोथी : चेत मांनखा ,
  • सिरजक : रेवंतदान चारण कल्पित ,
  • संपादक : कोमल कोठारी ,
  • प्रकाशक : राजस्थानी ग्रन्थागार, जोधपुर
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