(आदमी)
कांकड़ रै माथै
आवता-जावता लोगां नै
निरखणआळो छांग्योड़ो बंवळ्यो
(प्रेम)
रेगिस्तान रै मांय
जद-कद होबाळी बिरखा
(सम्बन्ध)
दीया रै मांय घाल्योड़ो
थोड़ो उधारो तेल
(सभ्यता)
बिना धणी री
भेळ्योड़ी खेती
(सांझ)
नाज रा टोटा में
बुझ्योड़ा चूलासी