हौ सकै
लोग ठीक कहता होवै
के नीं मिटाया जा सकै इण धरती सूं
अतचार नै अनाचार
लोभ अर लालच
नीं मिटायौ जा सकै
मिनख मिनख रा मनां रौ खार
नीं चुगिया जा सकै
मारग मारग में पाथरियोड़ा
घिरणा नफरत रा कांटा
नीं मिटाया जा सकै
धरम धरम रै बीच रा फांटा
नीं बुझाई जा सकै
अेक-अेक कंठरी तिरस
अेक-अेक पेट री
भूख नीं मिटाई जा सकै
नीं सांत कियौ जा सकै
अेक अेक रा मन में हब्बाहौळ
थब्बाथौळ थपीड़ मारतौ
क्रोध दुसमीचारै रौ समंदर
नीं खतम कियौ जा सकै इण पिरथी सूं
मिनख मिटावतौ निठावतौ
हरियल खेतां रौ खौगाळ करतौ
धरती री कूख उजाड़तौ
विडरूप जुद्ध
नीं रोकियौ जा सकै
हौ सकै
लोग ठीक कहता होवै
हौ सकै
पण
अरज है के—
इण हेत
अेक कोसिस तौ करी ई जा सकै