1
म्हारै बारणै
अर आंगणै
थूं
आवै रोज
पण
म्हनै दीसै
फगत
थारा जांवता खोज।
2
आखी रात
भीज्यो
म्हारो गात
अर
‘टप...तप’ चोयी
छात!
3
थूं आवै
रोज आवै
आपरी चूंच सूं
आडा-टेढा
तिणकला जचावै
अर म्हैं
उडींकू...
कद पूरो हुयसी
थारो आलणो
म्हारै मांय!
4
छण-छण-छण
सुणूं म्हारै मांय
थारी
पाजेब री
रूण झुण!
5
म्हारै
साथै
उकळती दुपारी मांय
तपणी नीं चावै
तारां छाई रात मांय
रमणी नीं चावै
तो
किंयां अवेरूं
थारा पांवडा
थूं
छिन-अेक ई
थमणी नीं चावै!
6
म्हारै सूं
नीं बोलै
अर
ओलै-ओलै
हीयो खोलै
ठुसका भरै
बावळी...
इंयां
रूस्यां कियां सरै?
7
निजरां
थारै दरस नै
तरस जावै
तो
होळै-सी’क
ओळ्यूं आवै
पग दाब्यां
अर
म्हारी देही नै
परस जावै!
8
हींडतो देखूं
थनै
ओळ्यूं रै हींडै
तो
आंख्यां रै ठीडै-ठीडै
कैई झरणा फूटै
अर
पोर-पोर सूं
धारोळा छूटै!